मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना उत्तर प्रदेश 2025
samuhik vivah yojana ; मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना की शुरुआत उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष 2017 में की गई थी। इस योजना का संचालन उत्तर प्रदेश समाज कल्याण विभाग के माध्यम से किया जाता है। इसका उद्देश्य अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यक और सामान्य वर्ग के गरीबी परिवारों को सामूहिक विवाह के माध्यम से सहायता प्रदान करना है।
भारत एक विविधताओं से भरा देश है, जहाँ समाज के विभिन्न वर्गों के लोग रहते हैं। हमारे देश में विवाह केवल एक सामाजिक परंपरा नहीं, बल्कि एक संस्कार है, जिसे समाज में बहुत महत्त्व दिया जाता है। परंतु आज भी समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए अपने बेटे-बेटियों की शादी कराना एक बहुत बड़ी चुनौती होती है। यही कारण है कि कई गरीब माता-पिता आर्थिक तंगी के कारण अपनी बेटियों की शादी समय पर नहीं कर पाते। इन सामाजिक व आर्थिक समस्याओं को ध्यान में रखते हुए, उत्तर प्रदेश सरकार ने एक सराहनीय पहल की – मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना।
योजना की प्रमुख विशेषताएँ samuhik vivah yojana
विशेषता | विवरण |
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नाम | मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना |
राज्य | उत्तर प्रदेश |
शुरूवात वर्ष | 2017 |
लक्ष्य | गरीब परिवारों की बेटियों की शादी सरकारी सहायता से कराना |
कुल राशि | ₹51,000 |
आयोजन का तरीका | सामूहिक विवाह कार्यक्रम |
आयोजनकर्ता | जिला प्रशासन / समाज कल्याण विभाग |
आयोजन तिथि | जिले अनुसार नियत |
यह योजना न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करती है, बल्कि एक बड़ा सामाजिक संदेश भी देती है ‘शादी दहेज के बिना भी खुशहाल हो सकती है। इस योजना के अंतर्गत गरीब परिवारों के युवक-युवतियों का विवाह सामूहिक रूप से करवाया जाता है, जिसमें सरकार द्वारा आर्थिक सहायता के साथ-साथ वस्त्र, उपहार, और विवाह समारोह की पूरी व्यवस्था की जाती है।
योजना की मुख्य विशेषता:
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सरकार विवाह के लिए ₹51,000 की आर्थिक सहायता।
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सरकारी निगरानी में सामूहिक विवाह समारोह।
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उपहार सामग्री एवं दैनिक उपयोग के सामान की व्यवस्था।
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दहेज प्रथा के खिलाफ सामाजिक संदेश।
योजना का उद्देश्य
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना उत्तर प्रदेश 2025 के उद्देश्य को निम्नलिखित बिंदुओं में समझा जा सकता है:
क्रम | उद्देश्य |
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1 | आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को विवाह खर्च से राहत देना |
2 | दहेज प्रथा को हतोत्साहित करना |
3 | सामूहिक विवाह को बढ़ावा देना और सामाजिक समरसता को बढ़ाना |
4 | बेटियों को बोझ नहीं, सम्मान का विषय बनाना |
5 | विवाह में होने वाले अनावश्यक खर्चों में कटौती करना |
6 | समाज में समानता, सहयोग और सहयोगिता की भावना को मजबूत करना |
उत्तर प्रदेश सरकार की भूमिका
इस योजना को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने कई स्तरों पर ठोस कदम उठाए हैं। इनमें प्रमुख हैं:
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वित्तीय बजट का निर्धारण: हर वर्ष बजट में योजना के लिए राशि आवंटित की जाती है।
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ऑनलाइन आवेदन पोर्टल: पारदर्शिता और प्रक्रिया की गति बढ़ाने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आवेदन की सुविधा दी गई है।
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जिलाधिकारी की निगरानी में विवाह समारोह: सभी सामूहिक विवाह संबंधित जिला प्रशासन की देखरेख में आयोजित किए जाते हैं।
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लाभार्थियों की पहचान की निगरानी: यह सुनिश्चित किया जाता है कि सिर्फ पात्र ही लाभ उठाएं।
पात्रता मानदंड (Eligibility Criteria)
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना 2025 का लाभ उठाने के लिए लाभार्थियों को कुछ पात्रता मानदंडों को पूरा करना आवश्यक है:
पात्रता श्रेणी | विवरण |
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आवेदक की आयु | वर: न्यूनतम 21 वर्ष वधू: न्यूनतम 18 वर्ष |
निवास | उत्तर प्रदेश का स्थायी निवासी होना चाहिए |
वर्ग | SC/ST, OBC, अल्पसंख्यक एवं सामान्य वर्ग (गरीबी रेखा के नीचे) |
आर्थिक स्थिति | परिवार की वार्षिक आय शहरी क्षेत्र में ₹2 लाख व ग्रामीण क्षेत्र में ₹1.5 लाख से कम होनी चाहिए |
विवाह की स्थिति | यह विवाह पहली बार होना चाहिए (अर्थात पहले से शादीशुदा व्यक्ति योजना के पात्र नहीं हैं) |
विवाह पंजीकरण | विवाह का पंजीकरण कराना अनिवार्य है |
आवश्यक दस्तावेज (Required Documents)
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना 2025 का लाभ लेने के लिए निम्नलिखित दस्तावेजों की आवश्यकता होती है:
क्रम | दस्तावेज का नाम | विवरण |
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1️⃣ | आधार कार्ड | वर और वधू दोनों का |
2️⃣ | निवास प्रमाण पत्र | उत्तर प्रदेश का स्थायी निवासी प्रमाण |
3️⃣ | आय प्रमाण पत्र | परिवार की वार्षिक आय प्रमाणित हो |
4️⃣ | जाति प्रमाण पत्र | यदि आवेदक SC/ST/OBC वर्ग से है |
5️⃣ | आयु प्रमाण पत्र | 10वीं की मार्कशीट या जन्म प्रमाण पत्र |
6️⃣ | पासपोर्ट साइज फोटो | वर और वधू दोनों की 2-2 रंगीन फोटो |
7️⃣ | बैंक पासबुक की कॉपी | जिसमें योजना की राशि ट्रांसफर की जाएगी |
8️⃣ | मोबाइल नंबर | जो आधार से लिंक हो |
9️⃣ | विवाह का निमंत्रण पत्र (यदि हो) | भविष्य की वैधता के लिए |
🔟 | विवाह पंजीकरण प्रमाणपत्र | विवाह के बाद अनिवार्य |
इन दस्तावेजों के बिना आवेदन प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकती। यह सभी दस्तावेज स्कैन कॉपी के रूप में अपलोड करने होते हैं यदि आवेदन ऑनलाइन किया जा रहा हो।
आवेदन प्रक्रिया (Application Process)
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत आवेदन दो तरीकों से किया जा सकता है:
उत्तर प्रदेश समाज कल्याण विभाग की आधिकारिक वेबसाइट http://shadianudan.upsdc.gov.in/ पर जाकर आवेदन किया जा सकता है।
ऑनलाइन आवेदन कैसे करें (Step-by-Step Guide)
- सबसे पहले समाज कल्याण विभाग की वेबसाइट पर जाएँ: shadianudan.upsdc.gov.in “ऑनलाइन आवेदन करें” विकल्प पर क्लिक करें
- नया रजिस्ट्रेशन करें
- नाम, मोबाइल नंबर, आधार, जन्मतिथि भरें लॉगिन करें और फॉर्म भरें
- वर-वधू की जानकारी, बैंक खाता, जाति, आय, पता सभी दस्तावेज अपलोड करें
- अंतिम सबमिशन से पहले सभी जानकारी की पुष्टि करें “फाइनल सबमिट” पर क्लिक करें आवेदन की पावती स्लिप प्रिंट निकाल लें
योजना के तहत मिलने वाले लाभ (Scheme Benefits)
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मिलने वाले लाभ इस प्रकार हैं:
लाभ का प्रकार | विवरण |
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आर्थिक सहायता राशि | ₹51,000 प्रति जोड़े |
उपहार सामग्री | बर्तन सेट, कपड़े, बेड, घड़ी, गद्दा आदि |
शादी आयोजन | जिला प्रशासन द्वारा पंडाल, भोजन, सजावट की व्यवस्था |
पंजीकरण प्रमाण पत्र | सरकारी मान्यता प्राप्त प्रमाण पत्र |
इसमें ₹35,000 बैंक खाते में नकद ट्रांसफर किया जाता है, ₹10,000 शादी आयोजन पर खर्च होता है, और ₹6,000 का सामान दिया जाता है।
दहेज प्रथा और योजना की भूमिका
भारत में दहेज प्रथा एक लंबे समय से चली आ रही सामाजिक बुराई है, जो विशेष रूप से गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए अभिशाप बन चुकी है। गरीब माता-पिता अपनी बेटियों की शादी में लाखों रुपये खर्च करने को मजबूर होते हैं। कई बार तो आर्थिक बोझ के कारण बेटियों की शादी में देरी होती है या वे कुंवारी रह जाती हैं।
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मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना दहेज प्रथा का कड़ा विरोध करती है।
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इस योजना में किसी भी प्रकार का दहेज लेन-देन मान्य नहीं है।
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सामूहिक विवाह की व्यवस्था सरकार की देखरेख में होती है, जिससे पारदर्शिता बनी रहती है।
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समाज को यह संदेश मिलता है कि सादगीपूर्ण शादी भी गरिमा से हो सकती है।
सामूहिक विवाह की प्रक्रिया (How Ceremonies Are Organized)
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत विवाह कैसे कराए जाते हैं, इसका पूरा विवरण नीचे दिया गया है:
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सामूहिक विवाह आमतौर पर ब्लॉक स्तर या जिला मुख्यालय पर आयोजित किए जाते हैं।
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इसके लिए बड़े सामुदायिक स्थल, स्कूल ग्राउंड, या मैरिज हॉल किराए पर लिए जाते हैं।
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आयोजन की जिम्मेदारी जिलाधिकारी, समाज कल्याण अधिकारी और ब्लॉक विकास अधिकारी को दी जाती है।
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कार्यक्रम में भोजन, सजावट, मंच, संगीत, सुरक्षा की पूरी व्यवस्था रहती है।
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शादी हिंदू, मुस्लिम, ईसाई, सिख आदि समुदायों के अनुसार धार्मिक रीति-रिवाज से करवाई जाती है।
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पंडित, मौलवी या पादरी द्वारा वैध तरीके से विवाह संपन्न होता है।
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विवाह के तुरंत बाद पंजीकरण प्रमाणपत्र दिया जाता है।
कौन से विवाह मान्य हैं (Eligible Marriages)
इस योजना के तहत कुछ विवाह प्रकार ही मान्य होते हैं:
विवाह प्रकार | मान्यता |
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पहली बार विवाह | मान्य |
पुनर्विवाह (दूसरी शादी) | मान्य नहीं |
विधवा पुनर्विवाह (कुछ मामलों में) | केस टू केस आधार पर |
अंतरजातीय विवाह | मान्य |
अंतरधार्मिक विवाह | पंजीकृत होने पर मान्य |
बाल विवाह | निषिद्ध |
योजना में बदलाव – 2025 की नई गाइडलाइंस
2025 में उत्तर प्रदेश सरकार ने इस योजना को और अधिक पारदर्शी, प्रभावी और लाभकारी बनाने के लिए कुछ नए बदलाव और निर्देश जारी किए हैं:
क्रम | बदलाव | विवरण |
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1️⃣ | ऑनलाइन आवेदन अनिवार्य | अब आवेदन केवल ऑनलाइन माध्यम से ही मान्य होंगे |
2️⃣ | डिजिटल सत्यापन | आधार और बैंक खाता KYC अनिवार्य |
3️⃣ | जिला-स्तरीय आयोजन | अब हर ज़िले में मासिक विवाह कार्यक्रम आयोजित होंगे |
4️⃣ | RTGS द्वारा भुगतान | ₹35,000 सीधे RTGS से वधू के खाते में |
5️⃣ | मोबाइल OTP आधारित रजिस्ट्रेशन | फर्जीवाड़ा रोकने हेतु OTP आधारित रजिस्ट्रेशन अनिवार्य |
6️⃣ | विधवा पुनर्विवाह को प्राथमिकता | अब विधवा महिलाओं के पुनर्विवाह को प्राथमिकता दी जाएगी |
7️⃣ | इंटरफेथ मैरिज को संरक्षण | कानूनी पंजीकरण के बाद अंतर-धार्मिक विवाह को भी शामिल किया गया है |
योजना का सामाजिक प्रभाव (Social Impact)
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का उत्तर प्रदेश की सामाजिक संरचना पर गहरा प्रभाव पड़ा है:
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विभिन्न जातियों और समुदायों के लोग एक मंच पर आते हैं
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धार्मिक एकता को बढ़ावा मिलता है
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बेटियों को बोझ नहीं, सम्मान का प्रतीक माना जाने लगा है
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दहेज के बिना विवाह की अवधारणा मजबूत हुई है
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अभिभावक पहले अपनी बेटियों को पढ़ा रहे हैं और फिर योजना के तहत शादी कर रहे हैं
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पारदर्शी डिजिटल आवेदन प्रणाली ने बिचौलियों को रोका है
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शादी में लगने वाले खर्च बचने से परिवार आर्थिक रूप से मजबूत हो पाते हैं
सरकारी पोर्टल और हेल्पलाइन
सेवा | विवरण |
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वेबसाइट | http://shadianudan.upsdc.gov.in/ |
हेल्पलाइन नंबर | 1800-180-5123 (समाज कल्याण विभाग) |
ईमेल सपोर्ट | support@upsdc.gov.in |
संबंधित विभाग | उत्तर प्रदेश समाज कल्याण विभाग |
संपर्क का पता | समाज कल्याण निदेशालय, 10 अशोक मार्ग, लखनऊ, उत्तर प्रदेश |
योजना की आलोचना और उसका समाधान
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कुछ जिलों में आवेदन की स्वीकृति में देरी होती है
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सामूहिक विवाह में भीड़ अधिक होने से कार्यक्रम अव्यवस्थित हो जाते हैं
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स्थानीय स्तर पर दलाल सक्रिय हो जाते हैं जो पैसे लेकर आवेदन करवाते हैं
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OTP आधारित सत्यापन से फर्जी आवेदन रोकना
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जिलाधिकारी द्वारा निगरानी में आयोजन
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पोर्टल पर आवेदन की निगरानी लाइव करना
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महिलाओं के लिए अलग हेल्पलाइन बनाना
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
Q. योजना का लाभ कौन-कौन ले सकता है?
उत्तर प्रदेश का कोई भी गरीब परिवार जो BPL श्रेणी में आता है, पात्र है।
Q. क्या विधवा महिलाएं भी इस योजना के अंतर्गत पुनर्विवाह कर सकती हैं?
हाँ, 2025 में विधवा पुनर्विवाह को प्राथमिकता दी गई है।
Q. क्या अंतरजातीय विवाह इस योजना में मान्य हैं?
हाँ, सभी जाति-वर्ग के लोग इस योजना का लाभ ले सकते हैं।
Q. योजना की राशि सीधे खाते में आती है या नहीं?
₹35,000 की राशि वधू के बैंक खाते में ट्रांसफर होती है।
Q. योजना में आवेदन कितनी बार किया जा सकता है?
एक व्यक्ति केवल एक बार इस योजना का लाभ ले सकता है।